ರಾಫೆಲ್ ವಿವಾದ: ಒಪ್ಪಂದದಿಂದ ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರ ನಿಗ್ರಹ ಅಂಶ ಕೈಬಿಟ್ಟಿದ್ದೇಕೆ: ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಪ್ರಶ್ನೆ
Published: 11th February 2019 12:00 PM | Last Updated: 11th February 2019 01:41 AM | A+A A-

ಸಂಗ್ರಹ ಚಿತ್ರ
सरकार की उम्मीद से भी कहीं तेज़ी से राफेल का गड़बड़झाला सुलझ रहा है
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 11, 2019
सबसे पहले, इसमें भारत की जरूरत के हिसाब से विशिष्ट बदलावों की लागत 126 विमानों की बजाय 36 विमानों पर होगी, जो डसॉल्ट के लिये अप्रत्याशित फायदा है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 11, 2019
फिर, ये खुलासा हुआ कि भारतीय वार्ताकार दल की कोशिशों को कमजोर करते हुए पीएमओ द्वारा राफेल सौदे पर 'समानांतर वार्ता' की जा रही है
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अब यह भी खुलासा हुआ है कि मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया की शर्तों में गंभीर बदलाव किये गये थे
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कोई संप्रभु गारंटी, कोई बैंक गारंटी, कोई एस्क्रो खाता नहीं, बावजूद इसके भारी-भरकम धनराशि का भुगतान अग्रिम के तौर पर किया गया था
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अनुचित प्रभाव के लिये कोई अर्थदंड की शर्त नहीं, एजेंसी कमीशन के खिलाफ कोई शर्त नहीं, आपूर्तिकर्ताओं के खातों तक पहुंच के लिए कोई शर्त नहीं और सबसे ज्यादा फायदे में डसॉल्ट रहा
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